First bank in india to introduce talking atm for disable-विकलांगों के लिए टॉकिंग एटीएम वाला पहला बैंक-विकलांगों के लिए टॉकिंग एटीएम

भारत में पहली बार, कोई बैंक विकलांग लोगों के लिए टॉकिंग एटीएम लॉन्च कर रहा है। यह एटीएम उपयोगकर्ताओं को स्वतंत्र रूप से उपयोग करने की अनुमति देता है। यह विशेष रूप से दृष्टि और श्रवण विकलांग वाले लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

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यह पहल वित्तीय सेवाओं तक पहुंच को सुलभ बनाने में मदद करती है। विकलांग लोगों के लिए यह एक बड़ा कदम है।

विकलांग लोगों के लिए एटीएम उपयोग करना आसान बनाना

भारतीय बैंक विकलांग लोगों के लिए एटीएम का उपयोग करना आसान बनाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने ब्रेल कीपैड, बड़े फॉन्ट और ध्वनि सुविधाएं शुरू की है। लेकिन, दृष्टि और श्रवण विकलांग लोगों के लिए यह अभी भी मुश्किल है।

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  • भारत में पहला बैंक जिसने विकलांगों के लिए टॉकिंग एटीएम लॉन्च किया
  • दृष्टि और श्रवण विकलांग लोगों को स्वतंत्र रूप से एटीएम का उपयोग करने में सक्षम बनाता है
  • विकलांग लोगों को वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने में मदद करता है
  • एक महत्वपूर्ण पहल जो समावेशी बैंकिंग को बढ़ावा देती है
  • भारत में एक मील का पत्थर सिद्ध होगा

भारतीय बैंकों द्वारा किए गए प्रयास

भारतीय बैंक विकलांगों के लिए बैंक सुविधाएं देने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पहल की हैं:

  • ब्रेल कीपैड वाले एटीएम स्थापित करना
  • बड़े फ़ॉन्ट और ध्वनि सुविधाएं वाले एटीएम प्रदान करना
  • एटीएम पर हेल्पलाइन नंबर प्रदर्शित करना

टॉकिंग एटीएम की आवश्यकता

इन प्रयासों के बाद भी, टॉकिंग एटीएम की जरूरत महसूस हुई। यह दृष्टि और श्रवण विकलांग लोगों के लिए बहुत मददगार है। यह उन्हें बैंकिंग लेनदेन आसान बनाता है।

विकलांगों के लिए टॉकिंग एटीएम की विशेषताएं

भारत के बैंकों ने विकलांग व्यक्तियों के लिए टॉकिंग एटीएम शुरू किया है। ये एटीएम विशेषताएं हैं जो विकलांग लोगों के लिए उपयुक्त हैं। इनमें कुछ मुख्य सुविधाएं शामिल हैं:

  • ध्वनि निर्देश: टॉकिंग एटीएम में ध्वनि निर्देश होते हैं। ये दृष्टि-बाधित लोगों को मदद करते हैं। वे एटीएम के कार्यों को ध्वनि से सुन सकते हैं।
  • ब्रेल कीपैड: कई एटीएम में ब्रेल कीपैड होता है। यह दृष्टि-बाधित लोगों को टांसेक्शन करने में मदद करता है। वे एटीएम के बटनों को महसूस करके उपयोग कर सकते हैं।
  • बड़े फॉन्ट: टॉकिंग एटीएम में बड़े फॉन्ट का उपयोग होता है। यह कम दृष्टि वाले लोगों को स्क्रीन की जानकारी पढ़ने में मदद करता है।
  • स्पर्श स्क्रीन: कई एटीएम में स्पर्श स्क्रीन होती है। उपयोगकर्ता एटीएम के कार्यों को स्पर्श करके कर सकते हैं। यह दृष्टि-बाधित और चलने में असमर्थ लोगों के लिए बहुत उपयोगी है।

इन विशेषताओं के साथ, टॉकिंग एटीएम का उपयोग करना आसान हो जाता है। यह दृष्टि और श्रवण विकलांग व्यक्तियों के लिए बैंकिंग लेन-देन में स्वतंत्रता देता है।

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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने 2018 में देश का पहला टॉकिंग एटीएम लॉन्च किया। यह विशेष रूप से दृष्टि और श्रवण विकलांग व्यक्तियों के लिए बनाया गया था। एसबीआई ने विकलांग ग्राहकों को वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

एसबीआई ने कब लॉन्च किया पहला टॉकिंग एटीएम?

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने 2018 में देश का पहला टॉकिंग एटीएम लॉन्च किया। यह विकलांगों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल थी। इस एटीएम में स्पीच-टू-टेक्स्ट तकनीक का उपयोग किया गया था।

इस तकनीक के साथ, दृष्टि और श्रवण विकलांग ग्राहक भी अपने बैंकिंग लेन-देन को आसानी से कर सकते हैं।

विशेषताविवरण
स्पीच-टू-टेक्स्ट तकनीकलोगों को अपनी आवाज का उपयोग करके लेन-देन और अन्य गतिविधियाँ करने में सक्षम बनाती है।
ब्रेल कीबोर्डदृष्टि विकलांग लोगों को बैंकिंग लेन-देन करने में मदद करता है।
बड़ी स्क्रीन और बड़ा फ़ॉन्ट साइजसुविधा प्रदान करता है दृष्टिविकलांग ग्राहकों के लिए।
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इस पहल ने विकलांगों के लिए एटीएम उपयोग करना आसान बना दिया। उन्हें वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच भी मिली। यह कदम भारतीय बैंकों द्वारा विकलांग ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण था।

टॉकिंग एटीएम का उपयोग कैसे करें?

भारतीय बैंकों ने विकलांग लोगों के लिए ‘टॉकिंग एटीएम’ सुविधा शुरू की है। यह उन्हें बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करने में मदद करता है।

टॉकिंग एटीएम का उपयोग करने के लिए, आप बस एटीएम की स्पर्श स्क्रीन पर टैप करें। ध्वनि निर्देश आपको चरण-दर-चरण मार्गदर्शन देंगे।

कीपैड पर ब्रेल चिह्नांकन है, जो दृष्टि विकलांग लोगों के लिए मददगार है। यह उन्हें एटीएम का उपयोग करने में आसान बनाता है।

टॉकिंग एटीएम का उपयोग करते समय, सावधानी से स्पर्श स्क्रीन पर टैप करें। ध्वनि निर्देशों का पालन करें।

टॉकिंग एटीएम विकलांग लोगों को बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच प्रदान करता है। यह उन्हें स्वतंत्र और स्वायत्त बनाता है।

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बैंक से एटीएम के लिए आवेदन कैसे करें?

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के टॉकिंग एटीएम की सुविधा प्राप्त करने के लिए, आप एक सरल प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं। इसमें कुछ आवश्यक दस्तावेजों को प्रस्तुत करना शामिल है। बैंक आपके आवेदन पर विचार करेगा।

आवेदन प्रक्रिया का विवरण

  1. अपने नजदीकी SBI शाखा में जाएं और टॉकिंग एटीएम के लिए आवेदन फॉर्म मांगें।
  2. आप अपने पहचान प्रमाण पत्र (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस) की प्रतिलिपि प्रस्तुत करें।
  3. अपनी विकलांगता का प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करें, जैसे दिव्यांग प्रमाण पत्र या अक्षमता प्रमाण पत्र।
  4. बैंक कर्मचारी आपके आवेदन पर विचार करेंगे और यदि मंजूर किया जाता है, तो आपको एक टॉकिंग एटीएम उपलब्ध कराया जाएगा।

इस तरह से आप अपने नजदीकी SBI शाखा से एटीएम के लिए आवेदन कर सकते हैं। एक टॉकिंग एटीएम प्राप्त करने के लिए यह बहुत उपयोगी है।

दुनिया के अन्य देशों में टॉकिंग एटीएम

भारत के बाद, दुनिया के कई देशों ने विकलांग लोगों के लिए टॉकिंग एटीएम शुरू किए हैं। अमेरिका में Wells Fargo और Bank of America ने ऐसे एटीएम लॉन्च किए हैं। यूनाइटेड किंगडम में Lloyds Bank ने भी इसी तरह के एटीएम पेश किए हैं।

इन देशों में विकलांग लोग अब बिना मदद के अपने खातों का प्रबंधन कर सकते हैं। यह उन्हें वित्तीय स्वतंत्रता दिलाता है।

इस तकनीक का उपयोग करके, विदेशों में भी विकलांग लोग बैंकिंग सेवाएं आसानी से उपयोग कर सकते हैं। यह उन्हें वित्तीय सेवाओं तक आसानी से पहुंच प्रदान करता है।

इस प्रकार, भारत के अलावा, अन्य देशों ने भी विकलांग लोगों के लिए टॉकिंग एटीएम लॉन्च किए हैं। यह उन्हें वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्रदान करता है।

FAQ’s By First bank in india to introduce talking atm for disable

दुनिया के अन्य देशों में टॉकिंग एटीएम कब और कहाँ लॉन्च किए गए हैं?

भारत के अलावा, अन्य देशों में भी विकलांग लोगों के लिए टॉकिंग एटीएम शुरू किए गए हैं। अमेरिका में Wells Fargo और Bank of America ने ऐसे एटीएम पेश किए हैं।
यूनाइटेड किंगडम में Lloyds Bank ने भी इस तरह के एटीएम शुरू किए हैं। इन देशों में भी वित्तीय लेनदेन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में मदद मिली है।

बैंक से टॉकिंग एटीएम के लिए आवेदन कैसे करें?

यदि आप टॉकिंग एटीएम की सुविधा चाहते हैं, तो आप अपने नजदीकी एसबीआई शाखा में जाकर आवेदन कर सकते हैं। आपको अपना पहचान प्रमाण और विकलांगता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
बैंक आपके आवेदन पर विचार करेगा और यदि मंजूर किया जाता है, तो आपको एक टॉकिंग एटीएम उपलब्ध कराया जाएगा।

एटीएम में टॉकिंग सुविधा का उपयोग कैसे करें?

टॉकिंग एटीएम का उपयोग करने के लिए, उपयोगकर्ताओं को बस एटीएम की स्पर्श स्क्रीन पर टैप करना होता है। इसके बाद, ध्वनि निर्देश उन्हें चरण-दर-चरण मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
कीपैड पर ब्रेल चिह्नांकन है, जो दृष्टि विकलांग उपयोगकर्ताओं को सुविधा प्रदान करता है। इन सुविधाओं के साथ, एटीएम का उपयोग करना विकलांग व्यक्तियों के लिए आसान हो जाता है।

बैंक ने विकलांगों के लिए टॉकिंग एटीएम लॉन्च किया था? और कब?

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने 2018 में देश का पहला टॉकिंग एटीएम लॉन्च किया। यह विशेष रूप से दृष्टि और श्रवण विकलांग व्यक्तियों के लिए डिज़ाइन किया गया था।

भारतीय बैंकों ने विकलांगों के लिए एटीएम उपयोग को कैसे आसान बनाया है?

भारतीय बैंक विकलांगों के लिए एटीएम उपयोग को आसान बनाने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने ब्रेल कीपैड, बड़े फॉन्ट और ध्वनि सुविधाएं शामिल की हैं। लेकिन, दृष्टि और श्रवण विकलांग लोगों के लिए यह अभी भी चुनौतीपूर्ण था।
टॉकिंग एटीएम की पेशकश करके, बैंक ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह वित्तीय सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करता है।

विकलांगों के लिए टॉकिंग एटीएम की कौन-कौन सी विशेषताएं हैं?

टॉकिंग एटीएम में कई विशेषताएं हैं जो विकलांग उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त हैं। इसमें ध्वनि निर्देश, ब्रेल कीपैड, बड़े फॉन्ट और स्पर्श स्क्रीन शामिल हैं।
इन विशेषताओं के साथ, एटीएम का उपयोग करना आसान हो जाता है।

पहला बैंक कौन है जिसने विकलांगों के लिए टॉकिंग एटीएम लॉन्च किया?

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने 2018 में देश का पहला टॉकिंग एटीएम लॉन्च किया। यह विशेष रूप से दृष्टि और श्रवण विकलांग लोगों के लिए बनाया गया था। एसबीआई ने वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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